हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
प्रश्न: कभी-कभी लोग मस्जिद में जमात के साथ क़ज़ा नमाज़ अदा करते हैं। इमामे जमाअत भी यक़ीनी या एहतियाती क़ज़ा नमाज़ पढ़ता है क्या इस तरह क़ज़ा नमाज़ अदा करना सही है?
उत्तर : अगर जमात का इमाम यक़ीनी क़जा नमाज़ अदा कर रहा हो तो मोमेनीन का इक़्तदा करने मे कोई हर्ज नहीं है जो यक़ीनी और एहतियाती कज़ा नमाज़ अदा कर रहे हो और अगर इमाम एहतियाती कज़ा नमाज़ पढ़ रहा हो तो मोमेनीन इस सूरत मे इक़्तदा कर सकते है जब उनकी नमाज़ भी एहतियाती और इमाम के साथ उसकी जहत ए एहतियात समान हो। हालाँकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जो व्यक्ति एहतियाती नमाज़ अदा कर रहा है, उसके माध्यम से नमाज़ जमाअत मे इत्तेसाल नहीं होता है।